#DLCL के माध्यम से आदित्य ने साबित किया कि प्रतिभा किसी का मुहताज नहीं साथ ही साधारण परिवार के आदित्य का दिल्ली से विनु माकंड बीसीसीआई ट्राफ़ी के लिए चयन होना उन सभी खिलाड़ी और अभिभावकों के मुँह पर करारा तमाचा है जो पैसे पर खिलाड़ी का चयन की बात करते हैं। तो आइए कुछ समय देकर यह छोटा से आर्टिकल पढ़े ताकि आप इसे भूल जायें कि टैलेंट को कोई दबा सकता है।
अगर डीएलसीएल जैसी कोई संस्था के संस्थापक गणेश शर जैसा कोई ईमानदार व्यक्ति आपके साथ हो तो कोई आपके प्रतिभा को दबा नहीं सकता जिसका एक उदाहरण आदित्य कुमार है।
हो सकता है आप भूल गये होंगे, आइये आपको याद दिलाते हैं।
#DLCL लीग का उद्देश्य है कि उन सभी छुपे प्रतिभावान खिलाड़ियों जिन्हें या तो स्टेट कैंप तक नहीं लिया जाता या चयनकर्ता उनके खेल पर ठीक से नज़र नहीं डाल पाते ताकि एक सच्चा प्रतिभावान खिलाड़ी अपने खेल को लगातार अखवार और खबर के मध्यम से चयनकर्ता के नज़र तक पहुँचा सके।
ऐसे खिलाड़ियों के लिए ही
#DLCL की स्थापना किया गया था और है। आइये आज एक ऐसे खिलाड़ी के बारे में आपको बता रहे है जिनके माता पिता इस बात से परेशान थे कि खिलाड़ी में प्रतिभा तो है लेकिन दिल्ली जैसे राज्य में इसे मौक़ा कैसे मिलेगा तब यह खिलाड़ी (आदित्य कुमार) वह साल था 2016-17 और इस खिलाड़ी का उम्र था 12-13 वर्ष। इस खिलाड़ी ने
#DLCL लीग में धूम मचाया और अपने प्रतिभा के दम पर DLCL कैंप में जगह बनाया। जब कैंप में देश के बड़े बड़े कोच डा० संजय भारद्वाज, रॉबिन सिंह jr द्रोणाचार्य अवार्ड प्राप्त कोच स्व तारीक सिन्हा, पूर्व क्रिकेटर चेतन शर्मा, अमिता शर्मा, प्रीति बोस जिसे दिग्गजों ने इसका खेल देखा तो सभी ने इसकी तारीफ़ की आज उन सबके प्रयास और DLCL की खोज ने इस खिलाड़ी को दिल्ली से विनु माकंड BCCI ट्राफ़ी खेलने का अवसर दिया।
इसके लंबी उम्र और उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूँ।
तो आइए अगर आप भी एक प्रतिभावान खिलाड़ी हैं और आपको भी लगता है कि आपके प्रतिभा को चयनक्रताओं एवं BCCI एफिलिएटेड एसोसिएशन की नज़रों तक पहुँचाया जाय तो DLCL लीग में भाग लें।